रामचन्द्र जी की आरती
श्री राम चंद्र जी की आरती श्री राम चंद्र कृपालु भजमन हरण भव भय दारुणम्।नवकंज लोचन कंज मुखकर, कंज पद कन्जारुणम्।।.कंदर्प अगणित अमित छवी नव नील नीरज सुन्दरम्।पट्पीत मानहु तडित रूचि शुचि नौमी जनक सुतावरम्।।.भजु दीन बंधु दिनेश दानव दैत्य वंश निकंदनम्।रघुनंद आनंद कंद कौशल चंद दशरथ नन्दनम्।।.सिर मुकुट कुण्डल तिलक चारु उदारू अंग विभूषणं।आजानु … Read more