लखनऊ का अद्भुत और रहस्यमयी हनुमान मंदिर

लखनऊ का चमत्कारी हनुमान मंदिर: जहाँ विराजमान हैं सवा लाख हनुमान प्रतिमाएँ

उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ अपनी तहजीब और अदब के लिए पूरी दुनिया में जानी जाती है। यहाँ के ऐतिहासिक मंदिरों और मुग़ल कालीन इमारतों ने इस शहर को अपनी एक अलग पहचान दी है।

इस शहर में ही ऐसा पवित्र धाम है, जिसे हनुमंत धाम मंदिर के नाम से जाना जाता है। यह मंदिर लखनऊ के पॉश इलाके हजरतगंज में स्थित है और यहाँ हनुमान जी के सवा लाख रूपों के एक साथ दर्शन किए जा सकते हैं।

यह लखनऊ के सबसे प्रतिष्ठित मंदिरों में से एक है और आध्यात्मिक तथा सांस्कृतिक दोनों ही रूपों में इसकी एक अलग पहचान है।

हनुमंत धाम का इतिहास

इस मंदिर का इतिहास भी बहुत प्राचीन है। हनुमंत धाम ( hanumant dhaam ) भगवान हनुमान को समर्पित एक छोटा सा मंदिर हुआ करता था, जो अब लखनऊ के सबसे प्रसिद्ध धार्मिक स्थलों में से एक बन गया है।

यहाँ का शांत वातावरण, हरे-भरे बगीचे के साथ-साथ आधुनिक वास्तुशिल्प इसे एक अनोखा और आध्यात्मिक बनाते है।

इस प्रकार, यह धाम न केवल एक धार्मिक स्थल है, बल्कि लखनऊ का एक सांस्कृतिक केंद्र भी है, जहाँ साल भर विभिन्न उत्सव और कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं।

हनुमंत धाम मंदिर की वास्तुकला और विशेषताएं

लखनऊ में हनुमंत धाम की वास्तुकला वास्तव में अद्वितीय और मनोरम है। यह मंदिर अपनी जटिल नक्काशी और सुंदर शिल्प कौशल के साथ खड़ा है।

इस मंदिर की सबसे खास विशेषताओं में से एक भगवान हनुमान की विशाल मूर्ति है, जो भारत में सबसे बड़ी प्रतिमाओं में से एक है।

यह धाम करीब 400 साल पुराना है जिसका सौंदर्यीकरण हाल में ही कराया गया है। यहां पर हनुमान की 400 साल पुरानी गर्भगृह में एक प्रतिमा है जो कि बेहद अलौकिक और अद्भुत है।

हनुमंत धाम करीब 7 बीघा में फैला हुआ है। अब यह धाम लखनऊ में एक नया टूरिस्ट हब बन गया है। किसी धार्मिक उत्सव और नए साल में लाखों की संख्या में लोग hanumant dhaam के दर्शन करने पहुंचते हैं।

यहाँ हनुमान जी की छोटी बड़ी सवा लाख प्रतिमाएँ स्थापित है जिनकी मुद्राएं और आकार अलग-अलग है। जो देश के किसी अन्य मंदिर में आपको देखने को नहीं मिलेगी।

यह अद्भुत धाम लखनऊ के हजरतगंज में शनि धाम के ठीक बगल में स्थित है। 

खड़ाऊं चढ़ाने से होती है मन्नत पूरी

ज्येष्ठ महीने में पड़ने वाले मंगल में हनुमंत धाम का लोगोंं के बीच विशेष महत्व है। इस मंदिर में यूं तो मुकुट, सिंदूर, गदा, जनेऊ, चोले आदि चढ़ते ही हैं पर भक्तों में यह मान्यता है कि खड़ाऊं चढ़ाने से उनकी मन्नत जरूर पूरी होगी।

जो बाद में साधु संतो को प्रदान कर दी जाती है। हनुमंत धाम मंदिर में अभी तक करीब दस हजार से अधिक खड़ाऊं दान दिए जा चुके हैं।

कई वर्ष पूर्व जब केवल मैदान हुआ करता था तब पीपल के पेड़ के नीचे हनुमानजी की प्रतिमा रखकर ने पूजा की जाती थी। जैसे जैसे लोगों की मन्नतें पूरी होती गईं मंदिर भी भव्य होता गया।

धाम खुलने का समय

  • सुबह 8:00 बजे से लेकर दोपहर 12:00 बजे तक है।  
  • शाम 4:00 बजे से लेकर रात 10:00 बजे तक। 
  • आरती का समयसुबह 8:00 बजे और रात में 8:30 बजे होती है। 

हनुमंत धाम में घूमने की जगह

हनुमंत धाम ( hanumant dhaam ) के परिसर को खूबसूरत फूलों और पौधों से सजाया गया है। मंदिर का गर्भगृह उत्कृष्ट वास्तुकला को प्रदर्शित करता है।

भगवान हनुमान की मुख्य मूर्ति एक गर्भगृह के अंदर स्थित है, जहाँ भक्त प्रार्थना कर भगवान का आशीर्वाद लेते है।यह मंदिर न केवल शांतिपूर्ण माहौल प्रदान करता है अपितु आध्यात्मिक प्रवर्ति के लोगों को ध्यान और परमात्मा से जुड़ने में मदद भी करता है।

अपने धार्मिक महत्व के अलावा, हनुमंत धाम लखनऊ में एक सांस्कृतिक केंद्र के रूप में भी कार्य करता है।

जहाँ साल भर विभिन्न कार्यक्रम और त्यौहार आयोजित किए जाते हैं। जो विभिन्न क्षेत्रों के लोगों को आकर्षित करते हैं।

ये आयोजन न केवल सांस्कृतिक आदान-प्रदान को बढ़ावा देते हैं बल्कि कलाकारों को अपनी प्रतिभा दिखाने के लिए एक मंच भी प्रदान करते हैं।

हनुमंत धाम कब जाना चाहिए?

हनुमंत धाम मंदिर लखनऊ यात्रा का सबसे अच्छा समय त्योहारों और उत्सवों के दौरान होता है। यह मंदिर विशेष अवसरों के दौरान अपने जीवंत माहौल के लिए जाना जाता है । भक्त पूजा करने और आशीर्वाद लेने के लिए मंदिर में आते हैं। चाहे वह हनुमान जयंती हो, दिवाली हो, या नवरात्रि हो, मंदिर जीवंत सजावट, भक्ति गीतों और सांस्कृतिक प्रदर्शनों से जीवंत हो उठता है।

इन उत्सवों के दौरान, हनुमंत धाम लखनऊ का माहौल और भी अधिक ऊर्जावान और आनंदमय हो जाता है। पूरे मंदिर परिसर को रंगीन रोशनी और फूलों से खूबसूरती से सजाया गया है जो उत्सव का माहौल बनाता है। इन त्योहारों के दौरान आयोजित विभिन्न अनुष्ठानों और समारोहों में भाग लेने के लिए भक्त बड़ी संख्या में इकट्ठा होते हैं।

FAQ

हनुमंत धाम में दर्शन और पूजा का समय क्या है?

हनुमंत धाम मंदिर सुबह 8:00 बजे से दोपहर 12:00 बजे तक और शाम 4:00 बजे से रात 10:00 बजे तक खुला रहता है। आरती का समय सुबह 8:00 बजे और रात 8:30 बजे है।

खड़ाऊं चढ़ाने की परंपरा का क्या महत्व है?

भक्तों का मानना है कि हनुमंत धाम में खड़ाऊं चढ़ाने से मन्नतें पूरी होती हैं। यहां दान किए गए खड़ाऊं संतों को दे दिए जाते हैं, और यह परंपरा मंदिर में वर्षों से चली आ रही है।

हनुमंत धाम मंदिर का क्या खास महत्व है?

हनुमंत धाम लखनऊ के सबसे प्रतिष्ठित मंदिरों में से एक है, जहाँ हनुमान जी की सवा लाख प्रतिमाएँ स्थित हैं। इस मंदिर का इतिहास लगभग 400 साल पुराना है और यह अपनी भव्य वास्तुकला, विशाल 108 फीट लंबी हनुमान प्रतिमा, और आध्यात्मिक शांति के लिए प्रसिद्ध है।

निष्कर्ष

हनुमंत धाम ( hanumant dhaam ) जैसे स्थानों पर आध्यात्मिक और सांस्कृतिक विरासत की खोज व्यक्तियों को धार्मिकता की ओर ले जाता है और धर्म से जुड़ने का अवसर प्रदान करता है। अपनी पहचान का पता लगाने, अपने विश्वास को गहरा करने और खुद से बड़ी किसी चीज़ से जुड़ने का अवसर प्रदान करती है।