धनतेरस पर क्या खरीदना शुभ होता है ?

धनतेरस पर क्या खरीदना शुभ होता है ?

अधिकांश लोग धनतेरस को नए सामान खरीदने का त्योहार मानते हैं। बचपन से हमने अपने बड़ों से सुना है कि इस दिन सोना, चाँदी, झाड़ू या घर के लिए कुछ न कुछ ज़रूर खरीदना चाहिए। लेकिन क्या आपको पता है कि धनतेरस का आयुर्वेद से भी एक गहरा रिश्ता है?

जी हाँ, आपने सही पढ़ा! धनतेरस और आयुर्वेद का आपस में गहरा संबंध है—लेकिन यह कैसे जुड़ा हुआ है? चलिए जानते हैं।

धनतेरस का असली अर्थ ‘धनत्रयोदशी’ है, जो हर साल कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि पर मनाई जाती है। वैसे तो इस दिन माता लक्ष्मी और धन के देवता कुबेर की पूजा की जाती है, लेकिन इसे आयुर्वेद के जनक भगवान धन्वंतरि के जन्म उत्सव के रूप में भी मनाया जाता है।

तो आइए, इस लेख में हम न सिर्फ जानेंगे कि धनतेरस पर क्या खरीदना शुभ होता है, बल्कि यह भी समझेंगे कि इस त्योहार और आयुर्वेद के बीच का गहरा संबंध क्या है।

धनतेरस 2024 कब है ?

इस वर्ष शुभ धनतेरस ( shubh dhanteras ) का पर्व 29 अक्टूबर, 2024 दिन मंगलवार को मनाया जायेगा। पंचांग के अनुसार, धनतेरस पूजा का मुहूर्त शाम 6:31 से शुरू हो कर रात्रि 8:13 बजे समाप्त होगा। मुहूर्त 1 घंटे 41 मिनट तक रहेगा।

धनतेरस की पौराणिक कथा

धनतेरस पर्व की शुरुआत समुद्र मंथन से होती है। जब देवता और दानव दोनों अमृतव्य के लिये संघर्ष कर रहे थे। पौराणिक कथाओं के अनुसार कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि को भगवान धन्वंतरि अमृतलश के साथ प्रकट हुए थे। भगवान धन्वंतरि श्रीहरि विष्णु के १२वें अवतर है। इन्हें चिकित्सा के देवता और आयुर्वेद के जनक भी कहा जाता है क्योंकि इन्होंने दुनिया बाहर कि औषधियों का अध्यन कर के धन्वंतरि संहिता कि रचना करी।

बाद में महर्षि विश्वामित्र के पुत्र सुश्रुत ने इनको अपना गुरु बनाया और आयुर्वेदिक चिकित्सा की शिक्षा प्राप्त करी। तत्पश्चात उन्होंने सुश्रुत संहिता’ की रचना की। 

अतः अतः भगवान धन्वंतरि ने इस संसार को चिकित्सा विज्ञान का उपहार दिया था। इसी कारण धनतेरस को आयुर्वेद दिवस के रूप में भी मनाया जाता है।

वैसे तो धनतेरस पर क्या खरीदना चाहिए और क्या नहीं इसके बारे में कई भ्रांतिया है ।

लेकिन शास्त्रों के अनुसार क्योंकि भगवान धन्वंतरि स्वयं अमृत कलश के साथ प्रकट हुए थे।इसलिये इस दिन बर्तन, सोना या चांदी खरीदने से घर में समृद्धि आती है।

धनतेरस पर कितने दिये जलाते है और क्यों ?

धनतेरस के दिन मृत्यु के देवता यमराज की पूजा करने की भी प्रथा है। पौराणिक कथाओं के अनुसार, एक बार यमराज ने अपने दूतों से पूछा कि क्या कभी किसी मनुष्य के प्राण लेते समय उन्हें दया आई। तब एक यमदूत ने उत्तर दिया कि हाँ, एक बार ऐसा हुआ था।

कथा के अनुसार, राजा हेम के पुत्र की कुंडली देखकर ज्योतिषियों ने यह भविष्यवाणी की थी कि उसका विवाह तो होगा, लेकिन विवाह के चार दिन बाद उसकी मृत्यु निश्चित है।

राजा ने इस अनहोनी से बचने के लिए अपने पुत्र को एक गुफा में ब्रह्मचारी जीवन जीने का आदेश दिया, ताकि वह स्त्रियों के संपर्क से दूर रहे और विवाह न हो। लेकिन नियति को कुछ और ही मंजूर था। संयोगवश, राजा हंस की पुत्री उस गुफा के पास आई, और वहां गुप्त रूप से दोनों ने गंधर्व विवाह कर लिया। विवाह के चार दिन बाद ही भविष्यवाणी के अनुसार राजा के पुत्र की मृत्यु हो गई।

जब यमदूत उस नवविवाहिता का करुण विलाप सुनने के बाद वहां पहुंचे, तो उनका दिल द्रवित हो गया। उन्होंने यमराज से यह पूछा कि क्या अकाल मृत्यु को टाला जा सकता है। तब यमराज ने उपाय बताया कि धनतेरस के दिन दीपदान करने से अकाल मृत्यु से बचा जा सकता है। तभी से धनतेरस पर यमराज के लिए दीप जलाने की परंपरा चली आ रही है, ताकि घर के लोगों की अकाल मृत्यु से रक्षा हो सके।

धनतेरस पर क्या खरीदना चाहिए ?

धनतेरस धन और समृद्धि को अपने जीवन में आमंत्रित करने का एक सुनेहरा अवसर है। शास्त्रों के अनुसार इस दिन कुछ विशेष वस्तुओं की खरीदारी शुभ मानी जाती है।

सोना और चांदी: यह दोनों वस्तुयें संपत्ति और समृद्धि का प्रतीक है। इस दिन सोने या चांदी के आभूषण या सिक्के खरीदने से लक्ष्मी माँ की कृपा साल भर बनी रहती है।

बर्तन: जोकि धनतेरस भगवान धन्वंतरि से भी जुड़ा हुआ है। और जब वह प्रकट हुए थे तब उनके हाथ में अमृतकलश था। इसलिये ऐसी भी मान्यता है कि इस दिन तांबे, पीतल या चांदी के बर्तन खरीदना शुभ होता है।

मूर्तियाँ: भारत के कई हिस्सों में लक्ष्मी और गणेश कि मूर्ति को भी खरीदने कि प्रथा है। ऐसा मन जथा है कि इस दिन मूर्ति खरीदने से घर में धन और समृद्धि बानी रहती है और सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।

झाड़ू: झाड़ू स्वछता का प्रतीक है और धनतेरस में हम अपने घर कि सफाई करते है इस लिये हमें धातेरस पर झाड़ू अवश्य खरीदनी चाहिये। इसके अलावा हिन्दू धर्म में झाड़ू माता लक्ष्मी का प्रतिक मन गया है। इसे घर में लाने से लक्ष्मी माता का आशीर्वाद मिलता है और समृद्धि का वास होता है।

भारत के उत्तर पूर्वी राज्यों में झाड़ू को आर्थिक समृद्धि का संकेत माना जाता है और ऐसी मान्यता है कि धनतेरस पर इसको खरीदने से दरिद्रता दूर होती है।

क्या नमक खरीदना शुभ होता है?

धनतेरस पर नमक खरीदने की परंपरा का एक विशेष महत्व है। ऐसा माना जाता है कि धनतेरस पर नमक खरीदने से घर से नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है।

इसके अलावा, ज्योतिष में नमक को राहु से भी जोड़ कर देखा जाता है। अतः डनट्रस पर नमक खरीदने से राहु दोष से छुटकारा मिलता है और आर्थिक लाभ भी होता है।

लाल किताब के अनुसार नमक का खरीदना माँ लक्ष्मी की कृपा प्राप्त करने का एक सरल और अचूक साधन है। इससे इंसान को न केवल संकटों का सामना करने में मदद मिलती है अपितु घर में सुख-समृद्धि का वास भी होता है।

ऐसी मान्यता है कि माता लक्ष्मी और भगवान धन्वंतरि समुन्द्र मंथन से प्रकट हुए थे और और नमक भी समुद्र से प्राप्त होता है। इसलिये इस दिन नमक खरीदने से दरिद्रता दूर होती है और पूरे वर्ष धन की प्राप्ति होती है। इस प्रकार, धनतेरस पर नमक खरीदना एक शुभ और सकारात्मक कदम माना जाता है।

क्या न खरीदें

धनतेरस के दिन कुछ चीजें खरीदने से बचना चाहिए, क्योंकि इन्हें अशुभ माना जाता है:

  1. कांच की वस्तुएं: कांच का टूटना अशुभ संकेत माना जाता है, इसलिए इसे खरीदने से बचना चाहिए।

  2. लोहे की वस्तुएं: लोहे की वस्तुएं इस दिन खरीदना उचित नहीं होता, क्योंकि इन्हें शनि ग्रह से जोड़ा जाता है ।

धनतेरस क्यों है खास ?

धनतेरस का पर्व हमें धन, धान्य और स्वास्थ्य के प्रति जागरूक करता है। इसलिये हमें इसे केवल पूजा-अर्चना और खरीदारी के दिन के रूप में नहीं देखना चाहि। यह हमारे अंदर नई ऊर्जा और सकारात्मकता का संचार करता है। भगवान धन्वंतरि के आशीर्वाद से हम स्वस्थ और समृद्ध जीवन का वरदान प्राप्त कर सकते हैं।

अतः इस धनतेरस, आप भी अपने घर में खुशियों और समृद्धि का दीप जलाएं, और भगवान धन्वंतरि तथा माँ लक्ष्मी की कृपा से अपने जीवन को मंगलमय बनाएं।

धनतेरस पूजा विधि

साफ-सफाई: धनतेरस पूजा विधि शुरू करने से पहले घर की साफ-सफाई बहुत महत्वपूर्ण है। इस दिन, घर के हर कोने को साफ करके उसे सजाना चाहिए ताकि लक्ष्मी माता का स्वागत उचित तरीके से किया जा सके।

दीपक जलाना: शाम को घर के मुख्य द्वार पर और पूरे घर में दीपक जलाएं। यह न केवल घर में रोशनी बनाएगा, बल्कि सकारात्मक ऊर्जा का संचार भी करेगा।

लक्ष्मी और कुबेर की पूजा: लक्ष्मी माता और भगवान कुबेर की मूर्तियों को स्थापित करके उनकी पूजा करें। पूजा के दौरान धूप, दीप, फूल, मिठाई, और नए बर्तनों का उपयोग करें।

धन्वंतरि पूजा: भगवान धन्वंतरि की पूजा करके परिवार की आरोग्यता की कामना करें। धनतेरस के दिन स्वास्थ्य को प्राथमिकता देने के लिए धन्वंतरि पूजन का विशेष महत्व है।

FAQ

वर्ष 2024 में धनतेरस कब है?

इस वर्ष धनतेरस का पर्व 29 अक्टूबर 2024, दिन मंगलवार को मनाया जाएगा।

धनतेरस के दिन किन चीजों को खरीदने से बचना चाहिए?
  • कांच की वस्तुएं: इन्हें अशुभ माना जाता है, क्योंकि कांच का टूटना बुरे संकेतों से जुड़ा होता है।
  • लोहे की वस्तुएं: शनि ग्रह से जुड़ी होने के कारण इन्हें धनतेरस पर खरीदने से बचना चाहिए।
धनतेरस के दिन नमक खरीदना शुभ है या नहीं

कुछ लोग मानते हैं कि धनतेरस के दिन नमक खरीदना शुभ है, क्योंकि नमक को जीवन में धन और संपत्ति के समान महत्व दिया जाता है। यह मान्यता है कि इस दिन नमक खरीदने से घर में सुख-समृद्धि बनी रहती है।

धनतेरस पर नमक क्यों खरीदना चाहिये?

ऐसी मान्यता है कि भगवान धन्वन्तरि और माता लक्ष्मी दोनों समुन्द्र मंथन से प्राप्त हुए थे। और समुन्द्र नमक का श्रोत होता है। इस लिये हमें धनतेरस पर नमक जरूर खरीदना चाहिये।

धनतेरस पर कितने दिये जलने चाहिये ?

धनतेरस पर दिया परिवार में अकाल मृत्यु को टालने के लिये जलाया जाता है। और १३ नंबर मृत्यु के देवता यमराज से सम्बंधित है इसलिये धनतेरस पर १३ दिये जलने चाहिये।

निष्कर्ष

उम्मीद करते है इस लेख के माध्यम से आपको धनतेरस पर क्या खरीदना चाहिए और क्या नहीं इसका सही ज्ञान हो गया होगा। ध्यान रखिये धनतेरस का पर्व केवल धन और समृद्धि की प्राप्ति का प्रतीक नहीं है। बल्कि यह स्वास्थ्य और आध्यात्मिकता का भी पर्व है। इस दिन सही वस्तुएं खरीदकर और उचित पूजा विधि अपनाकर आप माँ लक्ष्मी और भगवान धन्वंतरि का आशीर्वाद प्राप्त कर सकते है।