श्री बद्रीनाथ जी की आरती

बद्रीनाथ जी की आरती

बद्रीनाथ जी की आरती श्री बद्रीनाथ विश्व्म्भरम् ॥ पवन मंद सुगंध शीतल, हेम मंदिर शोभितम् । निकट गंगा बहत निर्मल, श्री बद्रीनाथ विश्व्म्भरम् ॥ शेष सुमिरन करत निशदिन, धरत ध्यान महेश्वरम् । वेद ब्रह्मा करत स्तुति, श्री बद्रीनाथ विश्वम्भरम् ॥ ॥ पवन मंद सुगंध शीतल…॥ शक्ति गौरी गणेश शारद, नारद मुनि उच्चारणम् । जोग ध्यान … Read more

महावीर भगवान जी की आरती

महावीर भगवान जी की आरती

महावीर भगवान जी की आरती ॐ जय महावीर प्रभु, स्वामी जय महावीर प्रभु । कुण्डलपुर अवतारी, चांदनपुर अवतारी, त्रिशलानंद विभु ॥ सिध्धारथ घर जन्मे, वैभव था भारी । बाल ब्रह्मचारी व्रत, पाल्यो तप धारी ॥ ॥ॐ जय महावीर प्रभु…॥ आतम ज्ञान विरागी, सम दृष्टि धारी । माया मोह विनाशक, ज्ञान ज्योति जारी ॥ ॥ॐ जय … Read more

आरती सूर्य देव जी की

आरती सूर्य देव जी की

आरती सूर्य देव जी की ऊँ जय सूर्य भगवान, जय हो दिनकर भगवान । जगत् के नेत्र स्वरूपा, तुम हो त्रिगुण स्वरूपा । धरत सब ही तव ध्यान, ऊँ जय सूर्य भगवान ॥ ॥ ऊँ जय सूर्य भगवान..॥ सारथी अरूण हैं प्रभु तुम, श्वेत कमलधारी । तुम चार भुजाधारी ॥ अश्व हैं सात तुम्हारे, कोटी … Read more

पार्वती माता जी की आरती

पार्वती माता की आरती

पार्वती माता की आरती जय पार्वती माता, जय पार्वती माता ब्रह्मा सनातन देवी, शुभ फल की दाता । ॥ जय पार्वती माता… ॥ अरिकुल कंटक नासनि, निज सेवक त्राता, जगजननी जगदम्बा, हरिहर गुण गाता । ॥ जय पार्वती माता… ॥ सिंह को वहान साजे, कुंडल है साथा, देव वधू जस गावत, नृत्य करत ता था … Read more

श्री कृष्ण जन्म स्तुति

श्री कृष्ण जन्म स्तुति

श्री कृष्ण जन्म स्तुति श्री कृष्ण जन्म स्तुति भये प्रगट गोपाला दीनदयाला यशुमति के हितकारी। हर्षित महतारी सुर मुनि हारी मोहन मदन मुरारी ॥ कंसासुर जाना मन अनुमाना पूतना वेगी पठाई। तेहि हर्षित धाई मन मुस्काई गयी जहाँ यदुराई॥ तब जाय उठायो हृदय लगायो पयोधर मुख मे दीन्हा। तब कृष्ण कन्हाई मन मुस्काई प्राण तासु … Read more

श्री दुर्गा चालीसा

दुर्गा चालीसा

श्री दुर्गा चालीसा नमो नमो दुर्गे सुख करनी। नमो नमो अंबे दुख हरनी।। निरंकार है ज्योति तुम्हारी। तिंहु लोक फैली उजियारी।। शशि ललाट मुख महाविशाला। नेत्र लाल भृकुटी विकराला।। रूप मातु को अधिक सुहावे। दरश करत जन अति सुख पावे।। तुम संसार शक्ति लय कीना। पालन हेतु अन्न धन दीना।। अन्नपूर्णा हुई जगपाला। तुम ही … Read more

भगवान धर्मराज जी की आरती

धर्मराज जी की,

धर्मराज जी की आरती धर्मराज कर सिद्ध काज, प्रभु मैं शरणागत हूँ तेरी । पड़ी नाव मझदार भंवर में, पार करो, न करो देरी ॥ ॥ धर्मराज कर सिद्ध काज..॥ धर्मलोक के तुम स्वामी, श्री यमराज कहलाते हो । जों जों प्राणी कर्म करत हैं, तुम सब लिखते जाते हो ॥ अंत समय में सब … Read more

भगवान कार्तिकेय जी की आरती

स्वामी कार्तिकेय की आरती

भगवान कार्तिकेय जी की आरती जय जय आरती वेणु गोपाला वेणु गोपाला वेणु लोला पाप विदुरा नवनीत चोरा जय जय आरती वेंकटरमणा वेंकटरमणा संकटहरणा सीता राम राधे श्याम जय जय आरती गौरी मनोहर गौरी मनोहर भवानी शंकर सदाशिव उमा महेश्वर जय जय आरती राज राजेश्वरि राज राजेश्वरि त्रिपुरसुन्दरि महा सरस्वती महा लक्ष्मी महा काली महा … Read more

तुलसी माता जी की आरती

श्री तुलसी जी की आरती

तुलसी माता जी की आरती जय जय तुलसी माता, मैया जय तुलसी माता । सब जग की सुख दाता, सबकी वर माता ॥ ॥ जय तुलसी माता…॥ सब योगों से ऊपर, सब रोगों से ऊपर । रज से रक्ष करके, सबकी भव त्राता ॥ ॥ जय तुलसी माता…॥ बटु पुत्री है श्यामा, सूर बल्ली है … Read more

श्री चित्रगुप्त जी की आरती

श्री चित्रगुप्त जी की आरती

श्री चित्रगुप्त जी की आरती ॐ जय चित्रगुप्त हरे, स्वामीजय चित्रगुप्त हरे । भक्तजनों के इच्छित, फलको पूर्ण करे॥ विघ्न विनाशक मंगलकर्ता, सन्तनसुखदायी । भक्तों के प्रतिपालक, त्रिभुवनयश छायी ॥ ॐ जय चित्रगुप्त हरे…॥ रूप चतुर्भुज, श्यामल मूरत, पीताम्बरराजै । मातु इरावती, दक्षिणा, वामअंग साजै ॥ ॐ जय चित्रगुप्त हरे…॥ कष्ट निवारक, दुष्ट संहारक, प्रभुअंतर्यामी … Read more