श्री विष्णु जी की आरती

विष्णु जी आरती

श्री विष्णु जी की आरती ॐ जय जगदीश हरे, स्वामी जय जगदीश हरे । भक्त जनों के संकट क्षण में दूर करे ॥ ॐ जय जगदीश हरे ॥ जो ध्यावे फल पावे, दुःख बिन से मन का । सुख-सम्पति घर आवे, कष्ट मिटे तन का ॥ ॐ जय जगदीश हरे ॥ मात पिता तुम मेरे, … Read more

रामचन्द्र जी की आरती

रामचन्द्रजी की आरती

श्री राम चंद्र जी की आरती श्री राम चंद्र कृपालु भजमन हरण भव भय दारुणम्।नवकंज लोचन कंज मुखकर, कंज पद कन्जारुणम्।।.कंदर्प अगणित अमित छवी नव नील नीरज सुन्दरम्।पट्पीत मानहु तडित रूचि शुचि नौमी जनक सुतावरम्।।.भजु दीन बंधु दिनेश दानव दैत्य वंश निकंदनम्।रघुनंद आनंद कंद कौशल चंद दशरथ नन्दनम्।।.सिर मुकुट कुण्डल तिलक चारु उदारू अंग विभूषणं।आजानु … Read more

श्री हनुमंत जी की स्तुति

श्री हनुमंत स्तुति

श्री हनुमंत स्तुति मनोजवं मारुत तुल्यवेगं,जितेन्द्रियं, बुद्धिमतां वरिष्ठम् ॥वातात्मजं वानरयुथ मुख्यं,श्रीरामदुतं शरणम प्रपद्धे ॥  ॥ श्री हनुमंत आरती ॥आरती कीजै हनुमान लला की ।दुष्ट दलन रघुनाथ कला की ॥  जाके बल से गिरवर काँपे ।रोग-दोष जाके निकट न झाँके ॥अंजनि पुत्र महा बलदाई ।संतन के प्रभु सदा सहाई ॥आरती कीजै हनुमान लला की ॥  दे … Read more

श्री शनिदेव जी की आरती

श्री शनिदेव आरती

श्री शनिदेव आरती जय जय श्री शनिदेव भक्तन हितकारी ।सूरज के पुत्र प्रभु छाया महतारी ॥ ॥ जय जय श्री शनिदेव..॥  श्याम अंक वक्र दृष्ट चतुर्भुजा धारी ।नीलाम्बर धार नाथ गज की असवारी ॥ ॥ जय जय श्री शनिदेव..॥  क्रीट मुकुट शीश रजित दिपत है लिलारी ।मुक्तन की माला गले शोभित बलिहारी ॥ ॥ जय … Read more

शिव जी की आरती

शिव जी की

शिव जी की आरती ॐ जय शिव ओंकारा, स्वामी जय शिव ओंकारा।ब्रह्मा, विष्णु, सदाशिव, अर्द्धांगी धारा ॥ ॐ जय शिव ओंकारा…॥ एकानन चतुरानन , पंचानन राजे ।हंसासन गरूड़ासन, वृषवाहन साजे ॥ ॐ जय शिव ओंकारा…॥ दो भुज चार चतुर्भुज, दसभुज अति सोहे ।त्रिगुण रूप निरखते, त्रिभुवन जन मोहे ॥ ॐ जय शिव ओंकारा…॥ अक्षमाला वनमाला, … Read more