कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी - रमा एकादशी
रमा एकादशी का व्रत कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी को किया जाता है। इस व्रत का बहुत ही खास महत्व है क्योंकि इसे करने से व्रती को सभी पापों से मुक्ति मिलती है और मोक्ष की प्राप्ति होती है। यह व्रत देवी लक्ष्मी और भगवान विष्णु को समर्पित है, जिस कारण इसे “रमा एकादशी” ( Rama Ekadashi) कहा जाता है। इसे पापों का नाश करने वाली एकादशी भी कहा गया है।
रमा एकादशी व्रत कथा
प्राचीन कथा के अनुसार, मुचुकुंद नामक एक राजा था जो भगवान विष्णु का परम भक्त था। उसके राज्य में सभी लोग धर्म-कर्म में विश्वास रखते थे। राजा की एक धर्मपत्नी थी जिसका नाम चंद्रभागा था। राजा की बेटी का विवाह एक राजकुमार से हुआ था। राजकुमार धर्मपरायण था लेकिन धीरे-धीरे उसने बुरे कामों में लिप्त होना शुरू कर दिया, जिससे राजा और उसकी पत्नी को बहुत दुख हुआ।
राजा ने एक ऋषि से समाधान मांगा। ऋषि ने उसे रमा एकादशी का व्रत करने का सुझाव दिया और कहा कि इस व्रत को सच्चे मन से करने पर राजकुमार के सभी पाप समाप्त हो जाएंगे। राजा और उसकी पत्नी ने इस व्रत को पूरी श्रद्धा से किया, जिसके प्रभाव से उनके बेटे के सभी पाप नष्ट हो गए। उसके बाद वह भी धर्म के मार्ग पर चल पड़ा और उनका पूरा परिवार सुख-शांति से रहने लगा।
पूजन सामग्री
- भगवान विष्णु की मूर्ति या तस्वीर
- दीपक (घी या तेल का)
- धूप और अगरबत्ती
- पंचामृत (दूध, दही, घी, शहद, और चीनी)
- फूल (विशेषकर तुलसी के पत्ते)
- चावल (अक्षत)
- रोली, चंदन, कुमकुम
- नैवेद्य (फल, मिठाई, विशेषकर प्रसाद के रूप में फलाहार)
- जल से भरा कलश
- पान, सुपारी, लौंग, इलायची
पूजन विधि (Puja Vidhi)
- स्नान और शुद्धिकरण: प्रातःकाल स्नान कर स्वच्छ वस्त्र धारण करें और पूजा स्थल को शुद्ध करें।
- व्रत संकल्प लें: पूजा के पहले भगवान विष्णु का ध्यान करते हुए व्रत का संकल्प लें। भगवान से अपने पापों की मुक्ति और परिवार के कल्याण की प्रार्थना करें।
- भगवान विष्णु की पूजा: भगवान विष्णु की मूर्ति को पंचामृत से स्नान कराएँ। इसके बाद साफ जल से स्नान कराकर उन्हें पीले वस्त्र अर्पित करें। फिर उन्हें अक्षत, फूल, चंदन और धूप-दीप अर्पित करें।
- तुलसी पूजा: भगवान विष्णु की पूजा में तुलसी के पत्तों का विशेष महत्व होता है। उन्हें तुलसी दल अर्पित करें, क्योंकि तुलसी माता भगवान विष्णु को अत्यंत प्रिय हैं।
- आरती करें: विष्णु भगवान की आरती करें और उनकी स्तुति में भजन-कीर्तन करें। इस दौरान घर के अन्य सदस्यों को भी सम्मिलित करें।
- व्रत कथा सुनें या पढ़ें: रमा एकादशी की व्रत कथा का पाठ करें या सुनें। यह कथा इस दिन के महत्व और फल को बताती है।
- नैवेद्य अर्पण करें: भगवान को फल, मिठाई और फलाहार अर्पण करें। इस दिन व्रती को भी फलाहार करना चाहिए और अन्न का सेवन नहीं करना चाहिए।
- रात्रि जागरण और भजन-कीर्तन: इस दिन रात्रि जागरण का भी महत्व है। भजन-कीर्तन करते हुए रात में भगवान विष्णु का स्मरण करें।
रमा एकादशी व्रत पूजन का शुभ मुहूर्त
वर्ष 2024 में रमा एकादशी व्रत पूजन करने का शुभ मुहूर्त प्रातःकाल 5:23 बजे से शुरू होकर 7:50 बजे तक रहेगा। वहीं, व्रत का पारण 29 अक्टूबर को सुबह 6:31 बजे से 10:31 बजे के बीच किया जा सकेगा।
रमा एकादशी की सावधानियाँ
- तुलसी न तोड़ें: इस दिन तुलसी का पत्ता तोड़ना वर्जित होता है। यह अशुभ माना जाता है।
- झाड़ू लगाते समय ध्यान रखें: इस दिन झाड़ू लगाने से छोटे जीव मर सकते हैं। इसलिए सावधानी से झाड़ू लगाएं।
- मांस और मदिरा से दूर रहें: रमा एकादशी पर मांसाहार, शराब या तामसिक भोजन नहीं करना चाहिए।
- बुरे विचारों से बचें: मन, वाणी और कर्म से शुद्ध रहें। गुस्सा और झूठ से दूर रहें।
- भोजन नियम का पालन करें: उपवास करने वाले फलाहार करें। अनाज का सेवन न करें।
- सोने से पहले पूजा जरूर करें: रात में भगवान विष्णु का ध्यान करें और कथा सुनें।
- दान करें: जरूरतमंदों को भोजन या वस्त्र दान करना शुभ माना जाता है।
रमा एकादशी उपाय (Rama Ekadashi Upay)
रमा एकादशी के दिन कुछ विशेष उपाय करने से भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की कृपा प्राप्त होती है। यहां कुछ सरल उपाय दिए गए हैं:
तुलसी के पौधे की पूजा करें: तुलसी का पौधा भगवान विष्णु को प्रिय है। इस दिन तुलसी के पौधे की पूजा करें और भगवान विष्णु को तुलसी के पत्ते अर्पित करें।
विष्णु सहस्रनाम का पाठ करें: रमा एकादशी के दिन विष्णु सहस्रनाम का पाठ करने से सभी पापों का नाश होता है और भगवान विष्णु की कृपा प्राप्त होती है।
लाल कपड़े में कौड़ियां बांधें: एक लाल रंग के कपड़े में 5 कौड़ियों को बांधकर धन रखने वाले स्थान या अलमारी में रखें। इससे धनलाभ के योग बनते हैं और आर्थिक स्थिति मजबूत होती है।
तुलसी के नीचे दीपक जलाएं: शाम के समय तुलसी के पौधे के नीचे 11 घी के दीपक जलाएं और तुलसी चालीसा का पाठ करें। इससे देवी लक्ष्मी की कृपा प्राप्त होती है और आर्थिक समस्याएं दूर होती हैं।
दान करें: रमा एकादशी के दिन जरूरतमंदों को भोजन, वस्त्र या धन का दान करें। इससे पुण्य की प्राप्ति होती है और भगवान विष्णु की कृपा बनी रहती है।
इन उपायों को श्रद्धा और विश्वास के साथ करने से जीवन में सुख, समृद्धि और शांति प्राप्त होती है।