उत्त्पन्ना एकादशी, जिसे ‘पद्म एकादशी’ भी कहा जाता है, हिन्दू पंचांग के अनुसार कार्तिक मास की शुक्ल पक्ष की एकादशी को मनाया जाता है। इस दिन का महत्व विशेष रूप से भगवान विष्णु की पूजा के रूप में माना जाता है।
कथा के अनुसार, एक बार देवताओं और असुरों के बीच एक बड़ा युद्ध हुआ, जिसमें देवता विजय प्राप्त नहीं कर पा रहे थे। इसके समाधान के लिए, वे भगवान विष्णु की शरण में गए और उनकी आराधना की। भगवान विष्णु ने उन्हें व्रत के रूप में Utpanna Ekadashi की महिमा बताई, जिसे यदि श्रद्धापूर्वक किया जाए तो समस्त पापों का नाश होता है और सच्चे भक्ति की प्राप्ति होती है।
एक अन्य कथा के अनुसार, राजा चंद्रप्रभा ने इस व्रत का पालन किया और इसके प्रभाव से उन्हें सच्चे ज्ञान की प्राप्ति हुई और उनकी समस्त समस्याएँ हल हो गईं। इसी कारण इस व्रत का पालन करने से जीवन में समृद्धि और शांति प्राप्त होती है।
उत्त्पन्ना एकादशी पूजा सामग्री
Utpanna Ekadashi में उपयोग होने वाली सामग्रियों के नाम इस प्रकार है।
- भगवान विष्णु की मूर्ति या चित्र: पूजा के लिए विष्णु जी की मूर्ति या चित्र।
- पुष्प: गुलाब, चमेली, मोगरा, या अन्य फूल।
- दीपक और तेल: दीपक के लिए तेल।
- धूप: सुगंधित धूप बत्तियाँ।
- फल और मिठाई: नारियल, केला, सेब, लड्डू आदि।
- पानी और कलश: जल से भरा कलश।
- चावल: पूजा के लिए चावल।
- सुपारी, लौंग, इलायची: पूजा सामग्री में शामिल।
- पान की पत्तियाँ: पूजा में अर्पित करने के लिए।
- सिंदूर और कुमकुम: तिलक के लिए।
- पंखा: भगवान विष्णु को शीतलता प्रदान करने के लिए।
Utpanna Ekadashi की पूजा विधि:
- सफाई और तैयारी: पूजा स्थल की सफाई करें और उसे सजाएँ। पूजा सामग्री को व्यवस्थित करें।
- ध्यान: इस दिन भगवान विष्णु की पूजा का विशेष महत्व है, इसलिए इनका ध्यान करके पूजा शुरू करें।
- आवाहन: भगवान विष्णु की मूर्ति या चित्र का आह्वान करें और निम्न मंत्र का जाप करें: “ॐ श्री विष्णवे नमः।”
- पुष्प अर्पण: भगवान विष्णु को पुष्प अर्पित करें और निम्न मंत्र का जाप करें: “ॐ विष्णवे नमः।”
- धूप और दीप: भगवान विष्णु को धूप और दीप अर्पित करें। “ॐ विष्णवे नमः, दीपम समर्पयामि।”
- पानी और अर्घ्य: जल अर्पित करें और निम्न मंत्र का जाप करें: “ॐ विष्णवे नमः, अर्घ्यम समर्पयामि।”
- नैवेद्य अर्पण: भगवान विष्णु को मिठाई और फल अर्पित करें। “ॐ विष्णवे नमः, नैवेद्यम समर्पयामि।”
- आरती: भगवान विष्णु की आरती करें और निम्न मंत्र का जाप करें: “ॐ विष्णवे नमः, आरती समर्पयामि।”
- प्रदक्षिणा: यदि संभव हो, तो भगवान विष्णु की मूर्ति के चारों ओर प्रदक्षिणा करें।
- भजन और कीर्तन: Utpanna Ekadashi में भगवान विष्णु का ध्यान करें और भजन, कीर्तन के द्वारा खुद को इष्ट के प्रति समर्पित करें।
- प्रार्थना: पूजा के अंत में, भगवान विष्णु से जीवन में सुख-समृद्धि और शांति की प्रार्थना करें।